Drone Pilot और ट्रेनिंग India की उभरती अर्थव्यवस्था का नया चेहरा: 2030 तक India Drone इंडस्ट्री का Global Hub बनने की ओर

भारत का ड्रोन बाजार: वैश्विक हब बनने की ओर

भारत ने 2030 तक ड्रोन इंडस्ट्री का ग्लोबल हब बनने का लक्ष्य रखा है | भारत जल्द ही अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन बाजार बन सकता है। नीति  आयोग (Niti Aayog) के मुताबिक तब तक इस इंडस्ट्री में 5 लाख नई जॉब बनेंगे, जिससे (GDP) में 1.5% की वृद्धि की सम्भावना है | तब इस इंडस्ट्री का आकार 33,000 करोड़ रूपये से बड़ा होगा | देश में 132 इंस्टिट्यूट ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग कोर्स करा रहें हैं | इनमें 9 तेलंगाना तो 3 आंध्र में हैं |

ड्रोन पायलट्स और ट्रेनिंग का बढ़ता महत्व

इन्ही ड्रोन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में से एक हैदराबाद स्तिथ कंपनी “मारुत ड्रोन” (MARUT DRONE) के को-फाउंडर प्रेम कुमार कहते हैं की देश में करीब 3 लाख ड्रोन उड़ रहे हैं, और 2027 तक इनकी संख्या 10 लाख से ऊपर होगी, इसलिए अब हमारा फोकस ड्रोन पायलट्स के प्रशिक्षण पर है | जितने ज़्यादा ट्रेनड पायलट्स होंगे उतनी ही डिमांड “ड्रोन इंडस्ट्री” पूरे कर पाएगी | फिलहाल इंडस्ट्री पायलट्स की कमी का सामना कर रही है | भविष्य की मांग को देखते हुए तेलंगाना में प्रोफेसर जयशंकर ने राज्य कृषि विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी कर ड्रोन ट्रेनिंग शुरु की है | यहाँ 2 से 25 किलो वजन तक के ड्रोन को चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है |

ड्रोन का उपयोग: कृषि से आपदा प्रबंधन तक

अभी देश में ड्रोन का सबसे ज़्यादा उपयोग आंध्र प्रदेश कर रहा है | यहाँ खेती के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी ड्रोन से काम लिया जा रहा है |

  • आपदा प्रबंधन: विजयवाड़ा में बाढ़ के दौरान वहां नावें नहीं जा सकती थीं | वहां एपीएसएमएल के 150 कर्मचारियों ने 45 ड्रोन एक साथ उड़ाकर एक घंटे से भी कम समय में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचा दी थी |
  • स्वास्थ्य क्षेत्र: इसी तरह अन्नवरपुलंका में आयुष्मान केंद्र में दवाओं की कमी हुई तो 15 किलोमीटर दूर मुनंगी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 10 किलो टीका और दवा किट ड्रोन से ही भेजी गई, जो 10 मिनट में पहुंच गई थी |

ड्रोन पायलट बनने की प्रक्रिया

ड्रोन पायलट बनने के लिए डीजीसीए (DGCA) की “डिजिटल स्काई” Digital Sky वेबसाइट पर आवेदन करें।

  • 7 दिन की ट्रेनिंग: ड्रोन पायलट बनने के लिए नार्मल ट्रेनिंग 7 दिन कि होती है जिसमे पेलोड इंस्टालेशन, स्प्रेइंग सिस्टम, उड़ान सम्बन्धी जानकारी दी जाती है |
  • 15 दिन की ट्रेनिंग: खेती के लिए 15 दिन की ट्रेनिंग चल रही है | इसमें स्नातको को तवज्जो मिलती है | यहाँ से अनुमति मिलने के बाद आपको इंस्टिट्यूट की एक लिस्ट मिलेगी, फिर इनकी वेबसाइट्स पर जाके आप ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं |
  • मरम्मत और रखरखाव: मरम्मत और रखरखाव की ट्रेनिंग एक माह की एडवांस ट्रेनिंग होती है |

एक बार रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद संबंधित कंपनी खुद संपर्क करती है।

समापन

ड्रोन (Drone) तकनीक ने भारत में न केवल कृषि और आपदा प्रबंधन में बदलाव लाया है, बल्कि यह उभरते स्टार्टअप्स (Start-up) और MSMEs के लिए भी नए अवसर प्रदान कर रही है।

अगर आप ड्रोन इंडस्ट्री में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आज ही DGCA की डिजिटल स्काई वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें। भारत के इस उभरते सेक्टर का हिस्सा बनें और अपने भविष्य को नई ऊंचाई पर ले जाएं!

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