आज के एडवांस AI मॉडल पहले की तुलना में ज़्यादा गलत जवाब दे रहे हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संकट बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) Large Language Models को प्रशिक्षित करने के लिए अत्यधिक बड़े डाटा की आवश्यकता होती है, जिसमें कुछ गलत जानकारी भी शामिल हो सकती है। इस वजह से ये क्यूँकि यह मॉडल उत्तर देने के लिए विशाल डाटा को उपयोग करके आपका उत्तर देते हैं कई बार गलत उत्तर प्रदान कर रहे हैं क्यूंकि उस विशाल डाटा में कुछ डाटा गलत भी है |
एक महत्त्वपूर्ण विचार करने वाली बात यह है की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एलएलएम (LLM) का विकास जहाँ एक तरफ नई संभावनाओं का सृजन कर रहा है, वहीँ दूसरी ओर उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। अपनी एक महत्वपूर्ण शोध में स्पेन के वैलेंसिया रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर AI (Spain’s Valencia Research Institute for AI) ने यह बात सामने लाई है कि ए आई के जितने सक्षम ये मॉडल होते जा रहे हैं, विचार करने वाली बात है कि उतने ही उनके गलत उत्तरों का अनुपात भी बढ़ रहा है।
यूजर्स को गुमराह करने का खतरा
एक शोध के अनुसार, ओपन AI के GPT-4 और मेटा के मेटा ल्लामा (Meta’s Meta Llama) जैसे मॉडल्स ने कई सवालों के सही उत्तर दिए, लेकिन उनकी गलतियों की दर भी बढ़ती गई। उदाहरण के लिए, कठिन सवालों के उत्तर देते समय उनकी विश्वसनीयता में कमी देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि ये मॉडल अब इस तरह से काम करते हैं की अब हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करते हैं, चाहे वह सही हो या नहीं, जिससे AI पर भरोसा करने वाले उपयोगकर्ताओं को गुमराह किया जा रहा है।
शिक्षा और मेडिकल क्षेत्र में AI का प्रभाव
प्रमुख शोधकर्ता लेक्सिन के अनुसार, आज के दौर में AI का उपयोग मेडिकल शिक्षा और शोध जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। ये मॉडल कठिन सवालों के उत्तर देकर काम को सरल बना रहे हैं, लेकिन जब ये गलत जानकारी देते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मेडिकल क्षेत्र में यदि ये मॉडल गलत उत्तर देते हैं, तो यह जीवन और मृत्यु का प्रश्न बन सकता है। इसी तरह, शिक्षा और शोध कार्यों में भी AI की गलतियां बड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
AI मॉडलों की “बुलशिटिंग” (Bullshitting) समस्या
इन AI मॉडलों को इस तरह प्रशिक्षित किया जा रहा है कि यह अब हर सवाल का जवाब दे पायें, चाहे वह सही हो या गलत। इस प्रवृत्ति को “बुलशिटिंग” कहा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह AI के प्रशिक्षण की कमियों को दर्शाता है और इसे विश्वसनीयता में सुधार के साथ ठीक किया जाना चाहिए।
आगे की राह: पारदर्शिता और सटीकता पर ज़ोर
जैसे-जैसे AI का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य उद्योगों में बढ़ता जा रहा है, AI की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी हो गया है। भविष्य में, एलएलएम ((LLM)) के विकास के लिए इन चुनौतियों पर काम करना प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि ये तकनीक समाज का विश्वास अर्जित कर सके।
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