National Stock Exchange (NSE) के मुताबिक, March 2018 से August 2024 के बीच बाजार में निवेशकों की औसत आयु 38 साल से घटकर 32 साल रह गई है | इस दौरान 30 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों की हिस्सेदारी 22.9% से बढ़कर 40% तक पहुंच गई है | 30 से 49 वर्ष की केटेगरी में निवेशकों की संख्या स्थिर है , लेकिन 50 से अधिक उम्र के निवेशकों की संख्या लगातार कम हो रही है | March 2018 में इनकी संख्या 12.7% थी जो August 2024 में घटकर सिर्फ 7.2% रह गई है |
वित्त वर्ष 2019-2020 में हर दिन निवेशकों ने औसतन Rs 36,432 crore का लेनदेन किया जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में हर रोज़ औसतन Rs 1,26,857 crore का लेनदेन हुआ, यानि इस दौरान रोज़ाना औसत ट्रेडिंग लगभग 5 गुना हो गई | इतना ही नहीं, बीते पूरे साल रिटेल निवेशकों ने हर रोज़ औसत Rs 81,721 crore की शेयर ट्रेडिंग की | यानि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुवाती 5 महीने में ही रोज़ाना औसत टर्नओवर बीते साल के मुकाबले 55% बढ़ गया |
जब भी युवा निवेशकों की भागीदारी बढ़ती है , इसका फायदा बाजार को मिलता है | इससे मार्केट में बीते वर्षों की तुलना में ट्रेडिंग कई गुना बढ़ गई है | युवाओं के मार्केट में प्रवेश करने से निवेश पैटर्न भी बदला है | 22 से 40 वर्ष के लोगों की तरफ से अतिरिक्त पैसा बनाने की बड़ी कोशिश हो रही है, लेकिन उन्हें पैसा बनाना सीखना होगा, प्रोडक्ट की जानकारी जुटाना होगी | हालांकि अभी कोई बड़ा नुक्सान नहीं दिख रहा है | फ्यूचर एंड ऑप्शंस (Futures and Options F&O) में लोगो ने पैसे गवाये , पर इसी मार्केट से बनाये भी हैं |
बिना सोचे समझे, बिना बेसिक जानकारी के ट्रेडिंग करने वालो में बहुत सारे लोग बहुत पैसा गवा भी चुके हैं लेकिन वे किसी को बता नहीं रहे हैं | पैसा बनाने वाले तो खुशी-खुशी बता रहे हैं, इसलिए जो भी ट्रेडिंग करे सोच समझ कर करे |
हमारे शेयर बाजार में युवा निवेशको की भागीदारी में एक दम से उछाल आना क्या उनके हित एवं देश हित में है यह विषय सोचनीय है | बिना कुछ किये सिर्फ निवेश कर पैसा कमाने की मनोवृत्ति उन्हें किस ओर ले जा रही है इसका निर्णय उन्हें स्वयं करना होगा | जो युवा जॉब कर रहे हैं एवं अपनी बचत से अतिरिक्त पैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं एक हद तक तो उनके द्वारा निवेश किये जाना तर्कसंगत है लेकिन जिनके पास जॉब नहीं है और उन्होंने शेयर बाजार को व्यवसाय बना लिया है उनके लिए तो यह कही से उचित प्रतीत नहीं होता |
फिलहाल जो भी करें सोच-समझ कर करें एवं इस बात का हमेशा ध्यान रखें की शेयर बाजार “खतरों के अधीन” है |
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